खंडवा में एक नर्स को 21 घंटे तक रखा गया डिजिटल अरेस्ट सफल नहीं हुआ, ठग के पैसे ट्रांसफर करने में असफल
मध्य प्रदेश के खंडवा जिला अस्पताल में एक नर्स को डिजिटल अरेस्ट किया गया था। ठगों ने महाराष्ट्र पुलिस की वर्दी पहनकर ड्रग्स सप्लाई में नाम आने की धमकी दी। 21 घंटे तक नर्स को भोजन भी नहीं दिया गया।
मध्य प्रदेश - खंडवा जिला अस्पताल में काम करने वाली एक नर्स को महाराष्ट्र क्राइम ब्रांच के नाम पर फर्जी फोन और वीडियो कॉल करके 21 घंटे तक अपने कमरे में कैद कर रखा गया। नर्स को ड्रग्स की सप्लाई में तस्कर के साथ नाम आने की धमकी देकर उसके खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया, लेकिन इसमें वे सफल नहीं हुए।
पीड़ित नर्स ने शनिवार को पुलिस व साइबर क्राइम ब्रांच में मामले की जांच की है। खंडवा जिला अस्पताल में काम करने वाली एक नर्स को शनिवार को उसके घर पर 21 घंटे तक वीडियो कॉल करके बंधक बना दिया गया।
नर्स को इस दौरान खाने-पीने के लिए भी उठने नहीं दिया
महाराष्ट्र क्राइम ब्रांच से फर्जी फोन व वीडियो कॉल के जरिए आरोपियों ने नर्स को ड्रग्स की सप्लाई में तस्कर के साथ नाम आने की धमकी दी और रुपये की मांग की। इस दौरान नर्स को खाने-पीने के लिए उठने भी नहीं दिया गया था। आरोपियों ने नर्स को हर कॉल की स्क्रीन शेयर करने के निर्देश दिए।
सायबर फ्राड में नर्स ने शुक्रवार दोपहर दो बजे से शनिवार सुबह 11 बजे तक 21 घंटे तक अपने मोबाइल फोन पर बिताए। दिनभर नर्स के घर का दरवाजा बंद रहने और कोई बाहर नहीं आने पर मकान मालिक ने परिचित आवाज लगाई और दरवाजा पीटा।
नर्स ने रोते हुए पूरी घटना बताई। इसके बाद उन्होंने एसपी कार्यालय में साइबर क्राइम शाखा में आवेदन दिया। पीड़िता ने कहा कि वह डिजिटल गिरफ्तार वारंट से डर गई थी क्योंकि सभी महाराष्ट्र पुलिस की वर्दी पहने हुए थे।
पहले भी सायबर फ्राड के शिकार हो चुके हैं लोग
सायबर फ्राड पहले भी हो चुके हैं, जानकारों का कहना है कि अकेले रहने वाले या नौकरीपेशा लोगों के साथ इस प्रकार की घटनाएं अधिक होती हैं। सायबर अपराध अधिक शिकार कर रहे हैं। खंडवा में सायबर फ्राड ने पहले ही कुछ डॉक्टरों, अधिकारियों और नर्सों को लंबी सजा दी है।
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